Friday, May 18, 2018

True story

इंसान की आधुनिकता से गौरेयाऔं का "कत्ल" 

Essay on Sparrow in Hindi

गौरैया आकार में एक छोटा पक्षी है जो दुनिया भर में पाया जाता है। यह बहुत ही फुर्तीला पक्षी होता है जिसका शरीर, भूरे, काले का होता है। यह एक सर्वाहारी पक्षी है जो बीज, जामुन, फल ​​और कीड़े आदि सब-कुछ खाता है। इसका जीवन काल 4-7 साल है। गौरैया बहुत सामाजिक पक्षी होती हैं। वे आमतौर पर छतों, पुलों और पेड़ के खोखले में अपने घोंसले का निर्माण करते हैं। शहरों में तो ये इंसानों के घरों में ही अपना घोसला बना लेते हैं। गौरैया आमतौर पर प्रति घंटे 24 मील प्रति घंटे की गति से उड़ते हैं। 
नर गौरैया और मादा गौरैया दिखने में अलग होते हैं। नर गौरैया की आँखों के पास काला धब्बा पाया जाता है जबकि मादा में नहीं। नर गौरैया दिखने में ज्यादा आकर्षक होते हैं। परन्तु जैसे-जैसे हम पेड़-पौधों को काटते जा रहे हैं उससे गौरैया आज लुप्त होने की कगार पर पहुँच गयी है। अब घरों में न तो गौरैया दिखाई देती है और न ही उसकी चीं-चीं करती आवाज़। आज गौरैया पक्षी को बचाने के लिए तरह-तरह के आयोजन किये जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 20 मार्च को हर वर्ष पूरे विश्व में गौरैया दिवस मनाया जाता है। 
पहला विश्व स्पैरो दिवस 20 मार्च, 2010 को विश्व भर में मनाया गया था ताकि घर के गौरैया नाम के  को बचाया जा सके। आज गौरैया को बचाने के लिए लोग अपने-अपने घरों के बाहर लकड़ी के बने घोसले लगा रहे हैं। हमें भी इस कार्य में सहयोग करना चाहिए ताकि गौरैया को लुप्त होने से बचाया जा सके। 

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